भारत में बेरोजगारी दर में गिरावट, जनवरी-मार्च तिमाही में घटकर 6.8 फीसदी पर
बेरोजगारी दूर करने के लिए केंद्र व राज्य सरकारों ने मिलकर कई कदम उठाए हैं। इनके सकारात्मक परिणाम परस्पर नजर आने लगे हैं। नेशनल सैम्पल सर्वे ऑफिस (NSSO) के आंकड़ों के मुताबिक शहरी क्षेत्रों में 15 साल और उससे अधिक उम्र के लोगों में बेरोजगारी दर इस वर्ष जनवरी-मार्च तिमाही में घटकर 6.8 फीसदी रही। वहीं बीते साल इसी तिमाही में यह 8.2 फीसदी थी।
शहरी इलाकों में घट रही बेरोजगारी
यह जानकारी सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने दी है। इस संबंध में मंत्रालय की ओर से सोमवार को एक बयान जारी किया गया जिसमें बताया गया कि इस साल जनवरी-मार्च तिमाही में बेरोजगारी दर घटकर 6.8 फीसदी रही। एक साल पहले इसी तिमाही में यह 8.2 फीसदी थी। NSSO के मुताबिक बेरोजगारी दर पिछले साल जनवरी-मार्च तिमाही में सबसे ज्यादा रही थी। उस समय इसकी मुख्य वजह देश में कोरोना संबंधित बाधाएं थी।
क्या कहते हैं पिछले साल के आंकड़े ?
NSSO सर्वेक्षण के मुताबिक बेरोजगारी दर पिछले साल जुलाई-सितंबर और अक्टूबर-दिसंबर में 7.2 फीसदी थी। वहीं अप्रैल-जून, 2022 में यह 7.6 फीसदी थी। निश्चित अवधि पर होने वाले 18वें श्रम बल सर्वेक्षण (पीएलएफएस) के आंकड़ों के मुताबिक शहरी क्षेत्रों में 15 साल और उससे अधिक उम्र के लोगों में बेरोजगारी दर अप्रैल-जून, 2022 में 7.6 फीसदी थी।
महिलाओं की बेरोजगारी के बारे में क्या कहते हैं आंकड़े ?
आंकड़ों के मुताबिक शहरी क्षेत्रों में महिलाओं (15 साल और उससे अधिक) में बेरोजगारी दर जनवरी-मार्च, 2023 में घटकर 9.2 फीसदी पर आ गई है, जो कि एक साल पहले इसी तिमाही में 10.1 फीसदी थी। वहीं, पुरुषों में शहरी क्षेत्रों में बेरोजगारी दर इस साल पहली तिमाही में कम होकर छह फीसदी रही, जो एक साल पहले 2022 की जनवरी-मार्च तिमाही में 7.7 फीसदी थी।
पीरियोडिक लेबर फोर्स सर्वे के मुताबिक जनवरी 2022 से बेरोजगारी की दर में लगातार कमी देखने को मिल रही है। जनवरी 2022 में देश में बेरोजगारी की दर 8.2 फीसदी थी जो अप्रैल-जून 2022 के तिमाही में घटकर 7.6 फीसदी तो वहीं जुलाई-सितंबर 2022 की तिमाही में 7.2 फीसदी, अक्टूबर-दिसंबर 2022 की तिमाही में 7.2 फीसदी से घटकर जनवरी-मार्च तिमाही में 6.8 फीसदी पर आ गई है।
वर्किंग पापुलेशन रेशियो में भी देखी गई बढ़ोतरी
जनवरी-मार्च 2023 अवधि में देश में 45.2 फीसदी जनता को रोजगार मिला हुआ है जो इससे पहले की तिमाही में 44.7 फीसदी पर था। उल्लेखनीय है कि बीते 9 वर्षों के सफर में भारत ने आर्थिक मोर्चे पर एक बड़ी छलांग लगाई है। स्पष्ट है कि सरकार ने अपनी विभिन्न योजनाओं के माध्यम से पंक्ति में खड़े अंतिम व्यक्ति तक पहुंचकर उसे भी संबल प्रदान करने की तमाम कोशिशें की हैं। उसी के परिणाम अब नतीजों के रूप में हमारे सामने आ रहे हैं।